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✴️मेसोपोटामिया की सभ्यता✴️

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हमने पिछले अध्याय में नील नदी घाटी सभ्यता के बारे में विस्तार से बड़ा अब हम मेसोपोटामिया की सभ्यता के बारे में विस्तार से पड़ेंगे यह सभी एग्जाम के के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। विश्व के सभी प्राचीन सभ्यता किसी ना किसी नदी के किनारे स्थित रही है उसी प्रकार  मेसोपोटामिया की सभ्यता भी दो नदियों के बीच में फली फूली वह दो नदियां है दजला एवं फरात नदी।हर्निया के पुत्री पहाड़ी से दजला नदी निकलती है दजला नदी को आजकल टायरइस नदी के नाम से जानते हैं तथा फरात  नदी काकेशिया के दक्षिणी पहाड़ी से निकलती है जबकि इस नदी को आजकल यूकेडीजा के नाम से जाना जाता है। यह सभ्यता इन दोनों नदी के बीच में स्थित था। #:- दो शब्दों के मेल से बनता है।   मेसो=इसका शाब्दिक अर्थ होता है मध्य।    पोटामिया=इसका शाब्दिक अर्थ होता है नदी।प्रसाद मिश्र कोटा मियां का शाब्दिक अर्थ होता है दो नदियों के बीच की भूमि। आज हम इन दोनों नदियों के बीच की भूमि को इराक के नाम से जानते हैं।  इतिहासकार हीरो डॉटर्स नेम किस क्षेत्र को आदम का बाग कहा है तथा ओल्ड स्टेटमेंट ने इसे गार्डन ऑफ इंडियन कहां...

⚛️मिस्र की सभ्यता का विशेषता⚛️

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                      🔯नील नदी घाटी की विशेषता🔯                1 विश्व में सबसे पहले राजा को देता मानने वाला सभ्यता मिस्र सभ्यता थी यहां पर राजा को ईश्वर तथा उसके नौकर को ईश्वर का दास की संज्ञा दी जाती है। 2 देवत्व की इसी भावना के कारण राजकुमार अपने ही कुल तथा परिवार में विवाह करते थे। जिससे रक्त की शुद्धता तथा संपत्ति पर अधिकार एक ही परिवार पर होता था। 3 मिस्र में संपत्ति पर अधिकार स्त्रियों को मिलता था और स्त्रियों के द्वारा संपत्ति पर अधिकार अन्य लोगों को मिलता था जैसे आज हमारे भारत में संपत्ति पर अधिकार पुत्र का होता है और पुत्र से संपत्ति पर अधिकार उनके पत्नी तथा बेटे आदि अन्य लोगों को मिलता है।इस कारण से राजकुमार तथा धनी परिवार के लोग अपने पुत्र की शादी अपने ही पुत्री से कराते थे ताकि संपत्ति पर अधिकार तथा रक्त की शुद्धता बचा रहे। 4 मिस्र पर विदेशी आक्रमणकारियों के कारण राजा वह के देवता की भावना नष्ट हो जाती है तथा सूडान में सोना की खान मिलने के कारण मिस्र सभ्यता में अराजकता फैल जाता ह...

⚛️मिस्र सभ्यता की महान रानी क्लियोपेट्रा की जीवनी⚛️

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                  🔯  क्लियोपैट्रा की प्रेम कहानी 🔯                  क्लियोपैट्रा मिस्र की बहुत ही खूबसूरत बुद्धिमान चालाक चतुर एवं प्रसिद्ध महारानी हुई है इसके बारे में अभी तक इतिहासकारों को पूरी जानकारी नहीं है लेकिन लेकिन प्रमाणित साक्ष्यों के आधार पर  क्लियोपैट्रा  की कहानी बड़ी ही अद्भुत लगती है। इतिहासकारों का मानना है कि रानी क्लियोपेट्रा तत्कालीन विश्व की सबसे सुंदर महिला थी यह बड़े-बड़े राजाओं को अपने स्वरूप जाल में फंसा कर काम करवाती थी हालांकि इसके जीवन में तमाम मुश्किलें का समय आया लेकिन इसने मुसीबतों पर कभी हार नहीं मानी थे। रानी क्लियोपेट्रा खूबसूरत ही नहीं बल्कि चालाक चतुर कुशल षड्यंत्रकारी के साथ-साथ कई भाषाओं के विद्वान भी थे।क्लियोपैट्रा को अनेक भाषाओं का ज्ञान था इसके पिता की मृत्यु इसके 14 वर्ष की उम्र में ही हो गई थी। सबसे पहली किलो पेट्रोल अपने भाई से बहुत ज्यादा प्यार करती थी और अपना भाई को ही बचपन से पति मान चुकी थी क्योंकि इसी की तरह इसका भाई भी बहुत खूबसूरत...

⚛️नील नदी घाटी सभ्यता के साम्राज्यवादी कालखंड⚛️

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 ✡️  साम्राज्यवादी कालखंड 1800 से 1090 BC तक✡️  इससे पहले हमने देखा कि मिस्र में सामंतवादी युग का कालखंड चल रहा था तो मिस्र के लोग अपनी प्रशासन व्यवस्था को चलाने के लिए सामंतों का सहयोग ले रहे थे अभी तक इन लोगों के मन में साम्राज्य विस्तार की कोई भी नीति नहीं आई थी लेकिन अब मिश्र वासियों तथा अन्य देशों के राजाओं ने साम्राज्य के विस्तार के लिए करके एक राजनीतिक विचार आता है और इसके बाद लोगों के मन में स्थानों जमीन जायदाद आदि को लेकर के एक विशेष स्थान प्राप्त हो जाता है इसी को साम्राज्यवादी  कालखंड करते हैं। 1580 मे  अलमास प्रथम ने से मैट्रिक जनजाति के लोगों को सत्ता से हटा दिया तथा हम कह सकते हैं कि हाइकस वंश का नष्ट कर दिया है।इसके बाद पूरी मिश्र नदी घाटी सभ्यता पर फिर से मिश्र वासियों का अधिकार हो गया और सिमेट्रीक  जनजाति के लोग यहां से प्रस्थान कर जाते हैं अलमास प्रथम ने सीरिया तथा फिलिस्तीन को भी जीता और अपने साम्राज्य में मिला लिया।  अलमास   प्रथम मिश्रा राजवंश के 18 शासक था। इसके बाद मिस्र वासियों का शासन किया सीरिया एवं फिलिस्तीन  म...