⚛️मिस्र की सभ्यता का विशेषता⚛️
1 विश्व में सबसे पहले राजा को देता मानने वाला सभ्यता मिस्र सभ्यता थी यहां पर राजा को ईश्वर तथा उसके नौकर को ईश्वर का दास की संज्ञा दी जाती है।
2 देवत्व की इसी भावना के कारण राजकुमार अपने ही कुल तथा परिवार में विवाह करते थे। जिससे रक्त की शुद्धता तथा संपत्ति पर अधिकार एक ही परिवार पर होता था।
3 मिस्र में संपत्ति पर अधिकार स्त्रियों को मिलता था और स्त्रियों के द्वारा संपत्ति पर अधिकार अन्य लोगों को मिलता था जैसे आज हमारे भारत में संपत्ति पर अधिकार पुत्र का होता है और पुत्र से संपत्ति पर अधिकार उनके पत्नी तथा बेटे आदि अन्य लोगों को मिलता है।इस कारण से राजकुमार तथा धनी परिवार के लोग अपने पुत्र की शादी अपने ही पुत्री से कराते थे ताकि संपत्ति पर अधिकार तथा रक्त की शुद्धता बचा रहे।
4 मिस्र पर विदेशी आक्रमणकारियों के कारण राजा वह के देवता की भावना नष्ट हो जाती है तथा सूडान में सोना की खान मिलने के कारण मिस्र सभ्यता में अराजकता फैल जाता है और भाड़े के सैनिकों गद्दारी करने लगते हैं और इस कारण से मिस्र सभ्यता की अस्तित्व खत्म हो जाता है और मिस्र के सभी मान्यताएं समाप्त हो जाती है
5 ईरान और लीबिया से भाड़े के सैनिक भर्ती किया जाता था और इन सेनाओं ने ही सत्ता को पलटने के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी क्योंकि इन सेनाओं ने गद्दारी की जिसके कारण मिस्र का राजा कमजोर पड़ गया था
6 संसार के किसी भी सभ्यता में मरने के बाद भी जीवन पर इतना विश्वास नहीं करते थे जितना मिश्र वासी करते थे यह लोग मानते थे कि यह शरीर कभी ना कभी जरूर जीवित होगा तथा मरने के बाद भी शरीर के द्वारा सुख भोग किया जाता है ऐसी मान्यता मिश्र वासियों की थी इसलिए राजाओं को मरने के बाद इसके शरीर पर विशेष प्रकार का लेप लगाकर मम्मी के रूप में सुरक्षित रखा जाता था और उसके ऊपर विशाल पिरामिड बनाया जाता था।
7 मिश्र वासी का धर्म बहू देव आदि था जिसमें देवताओं मनुष्य जानवरों आदि की पूजा की जाती थी हालांकि मिस्र के कुछ शासक ऐसे भी हुए जिसने एकेश्वरवाद का प्रचार प्रसार किया तथा एक ईश्वर बाद पर विश्वास करने के लिए जनता को प्रेरित किया।
8 मिस्र वासी नील नदी की पूजा और औरीशस नाम से करते थे मिश्र वासी नील नदी को हमपी नाम से भी जानते थे। नील नदी का हंपी नाम सामान्य जनता में प्रचलित था।
9 मिश्रा वासियों का मानना था कि औरीशस का विवाह अपनी बहन से हुआ है तथा इन दोनों का पुत्र होरेस है। इसीलिए नील नदी के आदर्श मानकर मिश्र वासी भी भाई बहन में ही शादी करते थे।
10 मिश्र वासी आत्मा की अमरता पर विश्वास रखते थे तथा पुनर्जन्म पर भी इन्हें विश्वास था।
11 मिस्र वासियों का समाज तीन वर्गो में विभाजित था।
(A) उच्च वर्ग =इस वर्ग में पादरी पुरोहित एवं शासक के परिवार लोग आते थे।
(B) मध्यमवर्ग=इस वर्ग में व्यापारी एवं राजा के नौकर वर्ग आते थे।
(C निम्न वर्ग=इस वर्ग में किसान मजदूर तथा दास वर्ग आते थे
12 मिस्र में महिलाओं को सबसे ऊंचा स्थान एवं सबसे अधिक स्वतंत्रता प्राप्त था हम कर सकते हैं कि वैसी स्वतंत्रता आधुनिक युग में भी नहीं प्राप्त है
13 मिस्र का प्रमुख पैसा कृषि था हालांकि यह लोग ऊंट के बारे में परिचित नहीं थे।
14 दुनिया के इतिहास लेखन का श्रेय मिश्र वासी को जाता है। कहा जाता है कि इतिहास लिखने की परंपरा मिश्र वासियों ने शुरू किया।
15 मस्तवा=मिस्र वासियों के सामान्य लोग तथा समानता की समाधि यों को मस्तबा कहा जाता था यह समाधि पर बड़े-बड़े पत्थरों के होते थे और यह समाधि आयताकार होती होती थी।
NOTE=आज आपकी मिस्र सभ्यता की पूरी कहानी समाप्त होती है अगर यह ब्लॉग आप लोगों को अच्छा लगे तो अपने साथियों में जरुर शेयर करें क्योंकि इस ब्लॉग को लिखने में काफी मेहनत लगी है और अगर आप सहयोग करें तो ऐसी ही ब्लॉक हम बनाते रहेंगे धन्यवाद।
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